
अग्रेजों के खिलाफ आन्दोलन करने में लाठी खाने गोली खाने में नहीं डरे तो यह मोदी सरकार हमें क्या डरा सकती है: शमशेर आलम
वक्फ कानुन 2025 मुस्लिम समुदाय के धार्मिक, सांस्कृतिक अधिकारों पर हमला
रांची: झारखण्ड तंजीम एवं मोमिन कॉन्फ्रेन्स द्वारा आयोजीत तहफ्फुज ऐ वक्फ कॉन्फ्रेन्स में हजारों की तादाद में लोग सामिल हुए। कार्यक्रम कि अध्यक्षता झारखण्ड तंजीम केन्द्रीय प्रवक्ता साकिर इस्लाही संचालन मोमिन कॉन्फ्रेन्स के जिला अध्यक्ष मो० शमिम ने किया।
कॉन्फ्रेन्स को सम्बोधित करते हुए अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष एवं झारखण्ड तंजीम के केन्द्रीय अध्यक्ष शमसेर आलम ने कहा कि केन्द्र सरकार के द्वारा थोपे गये काले कानुन के विरोध में पुरे देश के मुस्लमान आन्दोलित है क्योंकि वक्फ संशोधन कानुन 2025 मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर हमला है और यह हमला हम वरदास्त नहीं कर सकते है और इसी लिए आन्दोलन कि शूरूआत कर दी गई सभी लोगों से अपील है कि शांतिपूर्ण तरीके से आन्दोलन को चलाया जायेगा। जब तक यह कानुन वापस नहीं हो जाता। हमारा आन्दोलन का इतिहास है हम जब अग्रेजों के खिलाफ आन्दोलन करने में लाठी खाने में गोली खाने में नहीं डरे तो यह मोदी सरकार हमें क्या डरा सकती है यह आन्दोलन झारखण्ड के सभी क्षेत्रों में चलाया जाएगा।
पूर्व बन्धु तिर्की ने आन्दोलन को समर्थन देते हुए कहा कि जब तक गठबंधन की सरकार है इस कानून को झारखण्ड में लागु नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी लोगों से अपील किया है कि आप जज्बात में नहीं आयें और ना कोई हिन्सात्मक कार्य करें। बल्कि एक्ता बद्ध होकर इस आन्दोलन को ताकत दें। ताकि केन्द्र सरकार मजबुर होकर यह काला-कानून वापस लें ले।
विधायक सुरेश बैठा ने कहा भारतीय जनता पार्टी के पास कोई काम नहीं है। सिर्फ हिन्दू मुस्लिम एक्ता को बरबाद करने के शाजिस के तहत मुस्लमानों पर जुल्म किया जा रहा हैं। प्रखण्ड अंजुमन इस्लामिया माण्डर, बुड़मू, रातू, काँके, इटकी, चान्हों, का भी पूरा समर्थन इस कार्यक्रम को मिला। धन्यबाद ज्ञापन झारखण्ड तंजीम के नगर अध्यक्ष तनवीर गद्दी ने की। इस मौके पर इरशाद इमाम, नूरुल्लाह नादवी, मोहम्मद अताउल्लाह, शमिम बरिहार, एस अली, अदील अजीम, मोहम्मद शमिम, अनिसुल रहमान, कमरूल हक, राशिद जमील, मोहम्मद राजीफ आलम, मोहम्मद जाहीद, हकीम अंसारी, दानिस रहमानी, मौलाना साबीर, जमिल अख्तर, अनवर आलम, आदि ने संबोधित किया।
इस अवसर पर असलम अंसारी जमील अख्तर, अकरम हुसैन, अतहर अंसारी, अमानत अंसारी, मोजिबुल अंसारी, अख्तर अंसारी, जलील अंसारी, अब्दुल्लाह अंसारी, अजबुल अंसारी, सहित हजारों के संख्या में लोग उपस्थित हुए।